✒️ प्रस्तावना:
भारतीय इतिहास के महान सम्राटों में चंद्रगुप्त मौर्य का नाम सर्वोपरि है। उन्होंने मौर्य वंश की स्थापना की और एक शक्तिशाली तथा संगठित साम्राज्य की नींव रखी। बीपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे संबंधित प्रश्न प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों में पूछे जाते हैं।
🏰 चंद्रगुप्त मौर्य का जीवन परिचय:
- जन्म: लगभग 340 ई.पू., मौर्य वंश
- गुरु: आचार्य चाणक्य (कौटिल्य)
- साम्राज्य की स्थापना: 322 ई.पू.
- राजधानी: पाटलिपुत्र
- धर्म: प्रारंभ में हिन्दू, अंतिम समय में जैन धर्म स्वीकार

🧠 प्रमुख योगदान:
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना:
- चंद्रगुप्त ने चाणक्य की सहायता से नंद वंश का अंत किया।
- उन्होंने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी जो पूरे उत्तर भारत में फैल गया।
- सेंध मारकर सिकंदर के उत्तराधिकारियों को हराना:
- सिकंदर की मृत्यु के बाद चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस निकेटर को हराकर पश्चिमोत्तर भारत के कई भाग अपने अधीन कर लिए।
- चाणक्य की नीतियों पर आधारित शासन:
- चाणक्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र उनके शासन की आर्थिक और राजनीतिक आधारशिला थी।
- प्रशासनिक संगठन:
- उन्होंने केंद्रीकृत शासन प्रणाली अपनाई।
- प्रशासन में मंत्री, सेनापति, न्यायाधीश, कर अधिकारी आदि की नियुक्तियाँ की जाती थीं।
- सामरिक शक्ति:
- विशाल सेना का निर्माण किया जिसमें पैदल सैनिक, घुड़सवार, हाथी और रथ सम्मिलित थे।
🤝 सेल्यूकस के साथ संधि:
- सेल्यूकस निकेटर को हराने के बाद चंद्रगुप्त ने उससे एक संधि की।
- इसके अंतर्गत सेल्यूकस ने पश्चिमोत्तर भारत के कई क्षेत्र चंद्रगुप्त को दे दिए और बदले में अपनी बेटी से विवाह कराया।
- मेगस्थनीज़ को चंद्रगुप्त के दरबार में राजदूत बनाकर भेजा गया।
📜 मेगस्थनीज़ और इंडिका:
- मेगस्थनीज़ ने “इंडिका” नामक ग्रंथ लिखा जिसमें मौर्य साम्राज्य की सामाजिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्थितियों का वर्णन है।
- यह ग्रंथ मौर्यकालीन भारत का महत्वपूर्ण स्रोत है।
🧘 जैन धर्म की ओर झुकाव:
- शासन छोड़ने के बाद चंद्रगुप्त ने जैन धर्म अपना लिया।
- श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में भद्रबाहु के सान्निध्य में जीवन बिताया।
- वहीं उन्होंने उपवास द्वारा प्राण त्यागे (सल्लेखना व्रत)।
📚 बीपीएससी परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु:
विषय | तथ्य |
---|---|
जन्म | 340 ई.पू. |
गुरु | चाणक्य |
वंश | मौर्य वंश |
राजधानी | पाटलिपुत्र |
प्रमुख युद्ध | नंद वंश से, सेल्यूकस से |
राजदूत | मेगस्थनीज़ |
अंतिम जीवन | जैन धर्म, श्रवणबेलगोला में निधन |
📝 निष्कर्ष:
चंद्रगुप्त मौर्य ने भारत को एक राजनीतिक एकता प्रदान की और एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की। उनकी प्रशासनिक क्षमता, सैन्य कौशल और आचार्य चाणक्य की नीतियाँ आज भी राजनीतिक विज्ञान और इतिहास में प्रेरणादायक उदाहरण मानी जाती हैं।
🔍 उपयोगी टिप्स (BPSC Mains के लिए):
- चंद्रगुप्त की तुलना सम्राट अशोक से करें।
- “अर्थशास्त्र” और “इंडिका” के सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- मौर्य प्रशासनिक ढांचे पर अलग से उत्तर तैयार करें।
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