“ज्ञान वह दीपक है जो अज्ञानता के अंधकार को मिटा देता है।”
हमारे जीवन में ज्ञान का स्थान सर्वोच्च होता है। यह केवल किताबों में लिखे शब्दों तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह हमारे सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता को भी विकसित करता है। समाज की तरक्की, व्यक्ति के आत्मविश्वास और देश की उन्नति — इन सबका मूल स्रोत ज्ञान की शक्ति ही है।
जब कोई व्यक्ति शिक्षित होता है, तो वह सिर्फ अपने जीवन को बेहतर नहीं बनाता, बल्कि समाज को भी दिशा देता है। ज्ञान से हम असत्य और अंधविश्वास को चुनौती देते हैं। यह हमें न्याय के पक्ष में खड़े होने की ताकत देता है।
आज के डिजिटल युग में ज्ञान हर किसी के लिए सुलभ है — बस जरूरत है उसे स्वीकारने की, सीखने की और साझा करने की। जब हम ज्ञान को बांटते हैं, तो यह घटता नहीं बल्कि और अधिक बढ़ता है।
ज्ञान क्यों ज़रूरी है?
- यह आत्मनिर्भरता की ओर पहला कदम है।
- सही-गलत में फर्क करना सिखाता है।
- सोचने-समझने की गहराई देता है।
- सामाजिक बदलाव का माध्यम बनता है।
- समाज को जागरूक बनाइए, ज्ञान को अपनाइए।
ज्ञान की शक्ति को पहचानिए, और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाइए। क्योंकि अंततः —
“शिक्षा और ज्ञान से सशक्त व्यक्ति ही सशक्त समाज की नींव रखता है।”