🏹 परिचय
हुमायूँ, मुगल सम्राट बाबर का पुत्र और भारत में मुगल साम्राज्य का दूसरा शासक था। उसका शासनकाल संघर्षों, पराजयों और पुनः विजय की गाथा है। बीपीएससी की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा में हुमायूँ से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, विशेषकर शेरशाह सूरी से उसका संघर्ष और उसकी वापसी से जुड़ी घटनाएँ।

👑 हुमायूँ का जीवन परिचय
- पूरा नाम: नसीरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ
- जन्म: 6 मार्च 1508, काबुल
- पिता: बाबर
- राजगद्दी संभालना: 1530 ई. में बाबर की मृत्यु के बाद
⚔️ हुमायूँ का शासनकाल और संघर्ष
🛑 आंतरिक चुनौतियाँ
- बाबर की मृत्यु के बाद साम्राज्य अस्थिर हो गया था
- भाइयों (कामरान, अस्करी और हिंदाल) से सहयोग नहीं मिला
⚔️ शेरशाह सूरी से संघर्ष
- चौसा का युद्ध (1539):
- स्थान: बिहार
- हुमायूँ की हार, गंगा में कूदकर जान बचाई
- कन्नौज का युद्ध (1540):
- निर्णायक हार, हुमायूँ को भारत छोड़ना पड़ा
🟢 परिणाम:
- शेरशाह सूरी ने भारत में सूरी वंश की स्थापना की
- हुमायूँ को ईरान में निर्वासन जीवन जीना पड़ा (1540-1555)
🔁 भारत में पुनः आगमन
- ईरानी शासक शाह तहमास्प से सहायता प्राप्त की
- काबुल, कंधार को फिर से जीता
- पानीपत की दूसरी लड़ाई (1556) से पहले 1555 में हुमायूँ ने दिल्ली पर पुनः अधिकार किया
⚰️ मृत्यु
- तिथि: 27 जनवरी 1556
- स्थान: दिल्ली
- पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने से हुमायूँ की मृत्यु हुई
- उत्तराधिकारी: अकबर (13 वर्ष की आयु में)
📘 हुमायूँनामा
- लेखक: गुलबदन बेगम (हुमायूँ की बहन)
- फारसी भाषा में लिखा गया यह ग्रंथ मुगल काल की एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कृति है
📌 बीपीएससी प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- हुमायूँ की हार किससे हुई? – शेरशाह सूरी से
- हुमायूँ का निर्वासन काल कितना लंबा था? – 15 वर्ष (1540-1555)
- हुमायूँ के जीवन पर पुस्तक ‘हुमायूँनामा’ किसने लिखी? – गुलबदन बेगम
- हुमायूँ की मृत्यु कैसे हुई? – पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने से
- हुमायूँ का मकबरा किसने बनवाया? – अकबर ने
✍️ निष्कर्ष
हुमायूँ का शासनकाल अस्थिरता, संघर्ष और पुनः विजय की कहानी है। यद्यपि वह एक सफल सेनापति नहीं था, फिर भी उसका जीवन-मूल्य और धैर्य उसे एक विशिष्ट शासक बनाता है। उसकी मृत्यु के बाद अकबर जैसे महान सम्राट ने मुगल साम्राज्य को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। बीपीएससी के दृष्टिकोण से हुमायूँ के जीवन की प्रमुख घटनाएं परीक्षा में बार-बार पूछी जाती हैं।
अगर आप चाहें तो इसका PDF संस्करण भी उपलब्ध कराया जा सकता है। बताइए, चाहिए?