‘भार्गवास्त्र’: भारत का कवच क्या है ?

आज के समय में जब सीमा पार से और आंतरिक सुरक्षा के लिए ड्रोन का खतरा लगातार बढ़ रहा है, भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में, भारत ने अपनी स्वदेशी ड्रोन रोधी प्रणाली ‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण किया है। यह न केवल हमारी सुरक्षा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में भी एक मील का पत्थर है।
ड्रोन हमलों का बढ़ता खतरा: एक गंभीर चुनौती

पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि दुश्मन ताकतें और आतंकवादी संगठन ड्रोन का इस्तेमाल निगरानी, तस्करी और यहां तक कि हमलों के लिए भी कर रहे हैं। इन मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) को ट्रैक करना और निष्क्रिय करना एक बड़ी चुनौती बन गया था। हवाई अड्डों, सैन्य ठिकानों, महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन हमलों का खतरा हमेशा बना रहता है। इस चुनौती से निपटने के लिए एक प्रभावी और स्वदेशी समाधान की सख्त आवश्यकता थी।

इसी पृष्ठभूमि में ‘भार्गवास्त्र’ का विकास और सफल परीक्षण एक गेम चेंजर साबित हुआ है। यह एक अत्याधुनिक ड्रोन रोधी प्रणाली है जिसे पूरी तरह से भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है। इसका सफल परीक्षण यह दर्शाता है कि भारत अब इन हवाई खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम है।

  • स्वदेशी विकास: यह प्रणाली ‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे भारत के अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने विकसित किया है, जिससे हमारी प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता मजबूत हुई है।
  • समग्र समाधान: ‘भार्गवास्त्र’ केवल एक जैमर नहीं है; यह एक एकीकृत प्रणाली है। इसमें ड्रोन का पता लगाने (detection), उन्हें ट्रैक करने (tracking) और फिर उन्हें बेअसर (neutralization) करने की क्षमता है।
  • उच्च सटीकता: यह प्रणाली छोटे से छोटे और तेज गति वाले ड्रोनों को भी सटीक रूप से पहचान सकती है और उन्हें निष्क्रिय कर सकती है।
  • बहु-स्तरीय सुरक्षा: ‘भार्गवास्त्र’ विभिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग करती है, जिसमें रडार, ऑप्टिकल सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग शामिल हैं, ताकि ड्रोन को उड़ान भरने से रोका जा सके या उन्हें उनके लक्ष्य तक पहुँचने से पहले ही गिराया जा सके।
  • विभिन्न परिदृश्यों में उपयोग: इस प्रणाली को विभिन्न सुरक्षा परिदृश्यों में तैनात किया जा सकता है – चाहे वह महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हो, सीमा पर निगरानी हो, या सार्वजनिक आयोजनों की सुरक्षा।

‘भार्गवास्त्र’ का सफल परीक्षण भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल हमारे सशस्त्र बलों को और अधिक सशक्त बनाएगा, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत अब जटिल रक्षा प्रौद्योगिकियों के विकास में आत्मनिर्भर होता जा रहा है। यह प्रणाली भविष्य के हवाई खतरों से निपटने के लिए हमारी तैयारी का एक प्रमाण है।
यह ‘भार्गवास्त्र’ जैसी स्वदेशी प्रणालियाँ ही हैं जो हमें एक सुरक्षित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में मदद करेंगी। यह विकास निश्चित रूप से हमारे देशवासियों के लिए गर्व का क्षण है।

राट कोहली का टेस्ट क्रिकेट को अलविदा: एक युग का अंत

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज एक ऐसा दिन दर्ज हो गया है, जिसने करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को थोड़ा उदास कर दिया है। विराट कोहली, आधुनिक क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में से एक, ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। यह खबर निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट और उनके फैंस के लिए एक बड़ा झटका है।
12 मई, 2025 को उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए अपने 14 साल के शानदार टेस्ट करियर पर विराम लगा दिया। उनके इस अप्रत्याशित फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। कुछ ही दिनों पहले रोहित शर्मा के भी टेस्ट क्रिकेट से दूरी बनाने के बाद, विराट का यह निर्णय भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा

विराट कोहली का टेस्ट करियर उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और 46.85 की प्रभावशाली औसत से 9230 रन बनाए। उनके बल्ले से 30 शानदार शतक और 31 अर्धशतक निकले, जिसमें उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 254 रन रहा।

सिर्फ एक बल्लेबाज के तौर पर ही नहीं, बल्कि एक कप्तान के रूप में भी विराट ने भारतीय टेस्ट टीम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की और 40 में जीत हासिल कर भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तानों में अपना नाम दर्ज कराया। उनकी आक्रामक कप्तानी और जीतने का जज्बा हमेशा टीम को प्रेरित करता रहा।
उनका आखिरी टेस्ट मैच इस साल जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेला गया था। भले ही उस मैच में उनके बल्ले से बड़ी पारी नहीं आई, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा

विराट कोहली ने अपने संन्यास के पीछे के कारणों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया है, लेकिन उनके सोशल मीडिया पोस्ट से यह जरूर झलकता है कि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने अपने संदेश में इस फॉर्मेट में खेलने के दौरान मिली अविस्मरणीय यादों और अनुभवों के लिए आभार व्यक्त किया।
माना जा रहा है कि लगातार क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेलने का दबाव और व्यक्तिगत जीवन को अधिक समय देने की इच्छा इस फैसले के पीछे मुख्य कारण हो सकते हैं।

विराट कोहली ने अपने संन्यास के पीछे के कारणों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया है, लेकिन उनके सोशल मीडिया पोस्ट से यह जरूर झलकता है कि यह फैसला उनके लिए आसान नहीं था। उन्होंने अपने संदेश में इस फॉर्मेट में खेलने के दौरान मिली अविस्मरणीय यादों और अनुभवों के लिए आभार व्यक्त किया।
माना जा रहा है कि लगातार क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेलने का दबाव और व्यक्तिगत जीवन को अधिक समय देने की इच्छा इस फैसले के पीछे मुख्य कारण हो सकते हैं।

विराट कोहली का संन्यास भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक बड़ा शून्य पैदा करेगा। उनकी बल्लेबाजी की स्थिरता, मैदान पर उनकी ऊर्जा और उनकी कप्तानी की आक्रामक शैली टीम के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रही है। रोहित शर्मा के पहले ही संन्यास लेने के बाद, टीम को अब दो अनुभवी और विश्व स्तरीय बल्लेबाजों की कमी खलेगी, खासकर इंग्लैंड के आगामी मुश्किल दौरे पर।
युवा खिलाड़ियों के लिए यह एक अवसर जरूर है कि वे आगे आएं और इस खालीपन को भरें, लेकिन विराट कोहली जैसे कद के खिलाड़ी की जगह लेना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।

विराट कोहली ने अपने करियर के दौरान न सिर्फ रन बनाए बल्कि उन्होंने अपने जुनून, कड़ी मेहनत और कभी हार न मानने वाले रवैये से लाखों युवाओं को प्रेरित किया। टेस्ट क्रिकेट के प्रति उनका समर्पण और जज्बा हमेशा देखने लायक था।
उनके संन्यास से टेस्ट क्रिकेट निश्चित रूप से एक करिश्माई खिलाड़ी को खो देगा। हालांकि, उनकी उपलब्धियां और उनका योगदान हमेशा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा रहेगा

अब क्रिकेट फैंस यही उम्मीद कर रहे होंगे कि विराट कोहली सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपना जलवा दिखाते रहें और भारतीय टीम को और भी कई यादगार जीत दिलाएं।
विराट कोहली, टेस्ट क्रिकेट आपको हमेशा याद करेगा!

डीजीएमओ: भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संचालन का महत्वपूर्ण सेतु

डीजीएमओ का मतलब है महानिदेशक सैन्य संचालन (Director General of Military Operations)। यह भारतीय सेना के मुख्यालय में एक उच्च पद है, जो सैन्य अभियानों के निदेशालय का प्रमुख होता है। डीजीएमओ भारतीय सेना की सभी सैन्य कार्रवाइयों, रणनीतिक योजना और परिचालन तैयारियों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों के संदर्भ में, डीजीएमओ दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है। सीमा पर तनाव और संघर्ष की स्थितियों को प्रबंधित करने में उनकी सीधी संचार लाइनें (हॉटलाइन) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

  • संचार का माध्यम: डीजीएमओ दोनों देशों के सैन्य नेतृत्व के बीच सीधी बातचीत के लिए एक स्थापित चैनल प्रदान करता है। यह सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन, सीमा संबंधी मुद्दों और संभावित संघर्षों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • तनाव कम करना: जब सीमा पर तनाव बढ़ता है, तो दोनों देशों के डीजीएमओ एक-दूसरे से संपर्क करते हैं ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके और आगे बढ़ने से रोका जा सके।

सहमति और समझौते: समय-समय पर, दोनों डीजीएमओ सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कुछ नियमों और प्रक्रियाओं पर सहमत होते हैं। हाल ही में, मई 2025 में, दोनों देशों के डीजीएमओ ने सीमा पर सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए सहमति व्यक्त की। इसके बाद, उन्होंने सैनिकों की संख्या कम करने जैसे कदमों पर भी विचार-विमर्श किया।

  • विश्वास बहाली के उपाय: डीजीएमओ स्तर की वार्ताएं विश्वास बहाली के उपायों (Confidence Building Measures – CBMs) पर चर्चा करने और उन्हें लागू करने का एक मंच प्रदान करती हैं, जिससे दोनों देशों के बीच अविश्वास को कम किया जा सके।
    संक्षेप में, डीजीएमओ भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर संचार और समन्वय बनाए रखने के लिए एक आवश्यक पद है। यह दोनों देशों के बीच किसी भी सैन्य संकट को बढ़ने से रोकने और सीमा पर शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। हाल की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि डीजीएमओ स्तर की बातचीत दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है।

IPL 2025 के 17 मई से फिर से शुरू होगा और संशोधित शेड्यूल के बारे में है:

17 मई से दोवारा शुरू होगा l

क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी! बहुप्रतीक्षित इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2025 एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है। कुछ अप्रत्याशित कारणों से बीच में स्थगित हुए इस टूर्नामेंट का धमाकेदार आगाज़ 17 मई 2025 से होगा। बीसीसीआई ने आखिरकार आईपीएल 2025 का संशोधित शेड्यूल जारी कर दिया है, जिससे क्रिकेट के दीवानों के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई है।

अगर आप भी आईपीएल के एक्शन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, तो अब आपका इंतजार खत्म हुआ! आइए, इस रोमांचक टूर्नामेंट के नए शेड्यूल पर एक नज़र डालते हैं

आईपीएल 2025 का दूसरा चरण 17 मई 2025 को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक हाई-वोल्टेज मुकाबले के साथ शुरू होगा। इस पहले मैच में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का सामना कोलकाता नाइट राइडर्स से होगा। निश्चित रूप से, यह मुकाबला रोमांच से भरपूर होने वाला है क्योंकि दोनों ही टीमें जीत के साथ टूर्नामेंट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहेंगी।

संशोधित शेड्यूल के अनुसार, अब कुल 17 मैच खेले जाएंगे। ये सभी मुकाबले भारत के छह प्रमुख क्रिकेट स्टेडियमों में आयोजित किए जाएंगे। ये वेन्यू हैं:

  • बेंगलुरु (Bengaluru)
  • जयपुर (Jaipur)
  • दिल्ली (Delhi)
  • लखनऊ (Lucknow)
  • अहमदाबाद (Ahmedabad)
  • मुंबई (Mumbai)

इसका मतलब है कि देश के अलग-अलग हिस्सों के क्रिकेट फैंस को एक बार फिर से स्टेडियम में जाकर अपनी पसंदीदा टीमों को चीयर करने का मौका मिलेगा।
कब होंगे प्लेऑफ और फाइनल?
सभी लीग मुकाबले समाप्त होने के बाद, प्लेऑफ की जंग शुरू होगी। संशोधित शेड्यूल के अनुसार, प्लेऑफ के मुकाबले इस प्रकार होंगे:

  • क्वालिफायर 1: 29 मई 2025
  • एलिमिनेटर: 30 मई 2025
  • क्वालिफायर 2: 1 जून 2025

इन महत्वपूर्ण मुकाबलों के वेन्यू की घोषणा बीसीसीआई द्वारा जल्द ही की जाएगी।
और जिस पल का सभी को इंतजार है, वह है फाइनल मुकाबला, जो 3 जून 2025 को खेला जाएगा। कौन सी दो टीमें इस खिताबी जंग में भिड़ेंगी, यह देखना दिलचस्प होगा।

हो जाओ तौयार ?

संशोधित शेड्यूल में दो डबल-हेडर मुकाबले भी शामिल हैं। ये मुकाबले दो अलग-अलग रविवार को खेले जाएंगे, जिसका मतलब है कि क्रिकेट फैंस को एक ही दिन में दो रोमांचक मैच देखने का मौका मिलेगा।

आईपीएल 2025 का 17 मई से फिर से शुरू होना निश्चित रूप से क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बड़ी सौगात है। सभी टीमें नए जोश और रणनीति के साथ मैदान पर उतरेंगी और दर्शकों को एक बार फिर से चौके-छक्कों की बरसात देखने को मिलेगी।
आप आईपीएल की आधिकारिक वेबसाइट (https://www.iplt20.com/) पर पूरे संशोधित शेड्यूल की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

तो, अपनी पसंदीदा टीम को सपोर्ट करने के लिए तैयार हो जाइए! क्या आपकी पसंदीदा टीम इस बार ट्रॉफी उठाएगी? अपनी राय कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं!

भारत और मालदीव: HADR अभ्यास से प्रगाढ़ होते रक्षा संबंध

हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच सदियों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। इन संबंधों को और मजबूत करते हुए, दोनों देश नियमित रूप से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करते रहे हैं। हाल ही में, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास के माध्यम से दोनों देशों ने अपने रक्षा सहयोग को एक नया आयाम दिया है।

भारतीय नौसेना का जहाज INS शारदा 4 से 10 मई, 2025 तक मालदीव के माफ़िलाफ़ुशी एटोल में एक महत्वपूर्ण HADR अभ्यास में शामिल हुआ। यह एक सप्ताह का अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच न केवल अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित था, बल्कि आपदा की स्थिति में संयुक्त रूप से प्रतिक्रिया करने की उनकी तैयारियों को भी प्रदर्शित करता था।

इस अभ्यास में आपदा प्रतिक्रिया समन्वय की बारीकियों पर गहन चर्चा और अभ्यास किया गया। खोज और बचाव अभियानों के दौरान अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया गया, साथ ही घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करने और प्रभावित क्षेत्रों तक आवश्यक रसद समर्थन पहुंचाने की रणनीतियों पर भी काम किया गया।
संयुक्त अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के नौसैनिकों ने एक-दूसरे की कार्यप्रणाली को समझा और समन्वय स्थापित करने के महत्वपूर्ण पहलुओं को सीखा। प्रशिक्षण सत्रों में आपदा प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर ज्ञान और कौशल का आदान-प्रदान हुआ। इसके अतिरिक्त, सामुदायिक जुड़ाव गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय आबादी के साथ सकारात्मक संबंध स्थापित करने पर भी जोर दिया गया।

यह HADR अभ्यास भारत के “MAHASAGAR” (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के लिए पारस्परिक और समग्र उन्नति) दृष्टिकोण का एक जीवंत उदाहरण है। यह पहल हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें वह अपने पड़ोसी देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है।

भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग का इतिहास काफी पुराना है। भारत हमेशा मालदीव के रक्षा बलों को प्रशिक्षण और आवश्यक उपकरण प्रदान करता रहा है। यह HADR अभ्यास इस चले आ रहे सहयोग को और अधिक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल दोनों देशों की नौसेनाओं को एक साथ काम करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और मानवीय सहायता के लिए उनकी संयुक्त क्षमता को भी प्रदर्शित करता है।

भारत और मालदीव के बीच HADR अभ्यास दोनों देशों के मजबूत और बढ़ते रक्षा संबंधों का प्रतीक है। यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य में इस तरह के सहयोगी प्रयासों के लिए एक मजबूत नींव तैयार करता है।

भारत ने हॉकआई 360 के साथ मिलाया हाथ, समुद्री निगरानी हुई और भी चाक-चौबंद!


हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक उपस्थिति को और मजबूत करते हुए, भारत ने समुद्री निगरानी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। देश ने अमेरिकी कंपनी हॉकआई 360 के साथ एक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी समझौता किया है, जिसके तहत भारत को अत्याधुनिक उपग्रह-आधारित निगरानी तकनीक प्राप्त होगी। यह सौदा, जिसकी अनुमानित लागत $131 मिलियन है, न केवल भारत की समुद्री क्षेत्र की जागरूकता को बढ़ाएगा बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

इस समझौते की सबसे खास बात यह है कि भारत अब हॉकआई 360 की उस अनूठी तकनीक से लैस होगा जो अपनी ट्रैकिंग प्रणाली बंद करने वाले जहाजों, जिन्हें अक्सर “डार्क शिप” कहा जाता है, का भी पता लगाने में सक्षम है। यह तकनीक रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) उत्सर्जन का पता लगाकर काम करती है और फिर इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल (EO), इंफ्रारेड (IR), और सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) जैसे कई स्रोतों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करती है। इसका मतलब है कि अब खराब मौसम या रात के अंधेरे में भी किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नज़र रखना आसान होगा।

इस तकनीक के अधिग्रहण से भारत को अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में और भी गहरी पैठ मिलेगी। अब देश तस्करी, अवैध मछली पकड़ने, मानव तस्करी और समुद्री डकैती जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख सकेगा। यह हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित भारत के सूचना संलयन केंद्र (IFC-IOR) की क्षमताओं को भी कई गुना बढ़ा देगा, जिससे वास्तविक समय में होने वाले हर हलचल पर नज़र रखना संभव हो पाएगा।

यह समझौता सिर्फ एक तकनीकी अपग्रेड नहीं है, बल्कि यह क्वाड (QUAD) देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत लंबे समय से अपने महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर अपनी रणनीतिक दृश्यता को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, और हॉकआई 360 के साथ यह साझेदारी उस दिशा में एक मजबूत कदम है।

कुल मिलाकर, भारत और हॉकआई 360 के बीच यह प्रौद्योगिकी समझौता देश की समुद्री सुरक्षा को एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा। यह न केवल भारत को अपने समुद्री हितों की बेहतर सुरक्षा करने में सक्षम बनाएगा बल्कि पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत ने अपनी समुद्री निगरानी को और भी चाक-चौबंद करने के लिए एक मास्टरस्ट्रोक खेला है!

करेंट अफेयर्स

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राष्ट्र को संबोधित किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
  • भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति बनी।
  • केंद्र सरकार ने राज्यों को ‘सिविल डिफेंस’ अभ्यास आयोजित करने के निर्देश दिए।
    अंतर्राष्ट्रीय:
  • इजराइल की कैबिनेट ने गाजा के लिए ‘विजय’ योजना को मंजूरी दी।
  • पेरू के पूर्व राष्ट्रपति ओलांटा हुमाला को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई।
  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने ‘ग्लोबल मीथेन ट्रैकर 2025’ जारी किया, जिसमें वैश्विक मीथेन उत्सर्जन पर प्रकाश डाला गया है।
    अर्थव्यवस्था:
  • आरबीआई ने तीन प्रमुख बैंकों पर जुर्माना लगाया। हालांकि, बैंकों के नामों और जुर्माने के कारणों का तत्काल खुलासा नहीं किया गया है।
  • विदेशी निवेशकों ने पिछले सप्ताह भारतीय इक्विटी में ₹17,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया।
    खेल:
  • आईपीएल 2025 के नए शेड्यूल की घोषणा की गई, जिसके अनुसार फाइनल मैच अब 3 जून को होगा।
  • भारत का सुदीरमन कप 2025 अभियान डेनमार्क के खिलाफ 1-4 की हार के साथ समाप्त हुआ।
    विज्ञान और प्रौद्योगिकी:
  • वैज्ञानिकों ने एशियाई चावल का पहला पैनजीनोम बनाया है, जो चावल की किस्मों की आनुवंशिक विविधता को समझने में महत्वपूर्ण है।
  • प्रो. अजय कुमार सूद ने शून्य-उत्सर्जन ट्रकिंग के लिए दस प्राथमिकता वाले राजमार्ग गलियारों पर एक रिपोर्ट जारी की।
    अन्य:
  • दिल्ली पुलिस ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए ‘नई दिशा’ पहल शुरू की।
  • सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

पेट में गैस की समस्या को ठीक कैसे करे l

टहलना: हल्का टहलना गैस को पेट से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।

मालिश: पेट पर हल्के हाथों से गोलाकार दिशा में मालिश करने से गैस निकल सकती है।

पवनमुक्तासन: यह योगासन गैस को बाहर निकालने में बहुत मददगार है।

हींग: हींग को पानी में मिलाकर या गर्म पानी में डालकर पीने से गैस में आराम मिलता है।

सौंफ का पानी: सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट और गैस निकालने वाले तत्व होते हैं। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर 10 मिनट तक ढककर रखें और फिर धीरे-धीरे पिएं।

अदरक: अदरक पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। आप अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं या अदरक की चाय पी सकते हैं।

आहार में बदलाव

  • धीरे-धीरे खाएं: जल्दी-जल्दी खाने से पेट में हवा भर जाती है, जिससे गैस बनती है।
  • अच्छी तरह चबाएं: भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाने से पाचन आसान होता है और गैस कम बनती है।
  • छोटे भोजन करें: एक बार में ज्यादा खाने की बजाय दिन में कई बार छोटे-छोटे भोजन करें।
  • पानी खूब पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पाचन क्रिया सही रहती है और कब्ज से बचाव होता है, जो गैस का एक कारण हो सकता है।
  • कार्बोनेटेड पेय से बचें: सोडा और अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में गैस होती है, जिससे पेट फूल सकता है।
  • कुछ खाद्य पदार्थों से बचें: कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो ज्यादा गैस बनाते हैं, जैसे:
  • बीन्स और दालें
  • पत्तागोभी, ब्रोकली, फूलगोभी
  • प्याज और लहसुन
  • डेयरी उत्पाद (लैक्टोज असहिष्णुता होने पर)
  • कृत्रिम मिठास वाले खाद्य पदार्थ
  • तले हुए और मसालेदार भोजन
  • फाइबर धीरे-धीरे बढ़ाएं: अगर आप अपने आहार में फाइबर बढ़ा रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे करें, क्योंकि अचानक ज्यादा फाइबर लेने से भी गैस बन सकती है।
    अन्य सुझाव:
  • धूम्रपान छोड़ दें: धूम्रपान करने से पेट में हवा जाती है।
  • च्युइंग गम से बचें: च्युइंग गम चबाने से भी पेट में हवा जाती है।
  • स्ट्रॉ से न पिएं: स्ट्रॉ से पीने पर ज्यादा हवा पेट में जा सकती है।
  • नियमित व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधि पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
  • प्रोबायोटिक्स: दही और छाछ जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे पाचन सुधरता है।

यदि आपकी गैस की समस्या बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का लक्षण भी हो सकता है।