पेट में गैस की समस्या को ठीक करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय आजमा सकते हैं:
तत्काल राहत के लिए:

टहलना: हल्का टहलना गैस को पेट से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।

मालिश: पेट पर हल्के हाथों से गोलाकार दिशा में मालिश करने से गैस निकल सकती है।

पवनमुक्तासन: यह योगासन गैस को बाहर निकालने में बहुत मददगार है।
हींग: हींग को पानी में मिलाकर या गर्म पानी में डालकर पीने से गैस में आराम मिलता है।

सौंफ का पानी: सौंफ में एंटीऑक्सीडेंट और गैस निकालने वाले तत्व होते हैं। एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर 10 मिनट तक ढककर रखें और फिर धीरे-धीरे पिएं।
अदरक: अदरक पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। आप अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं या अदरक की चाय पी सकते हैं।

आहार में बदलाव
- धीरे-धीरे खाएं: जल्दी-जल्दी खाने से पेट में हवा भर जाती है, जिससे गैस बनती है।
- अच्छी तरह चबाएं: भोजन को अच्छी तरह चबाकर खाने से पाचन आसान होता है और गैस कम बनती है।
- छोटे भोजन करें: एक बार में ज्यादा खाने की बजाय दिन में कई बार छोटे-छोटे भोजन करें।

- पानी खूब पिएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पाचन क्रिया सही रहती है और कब्ज से बचाव होता है, जो गैस का एक कारण हो सकता है।
- कार्बोनेटेड पेय से बचें: सोडा और अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में गैस होती है, जिससे पेट फूल सकता है।
- कुछ खाद्य पदार्थों से बचें: कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो ज्यादा गैस बनाते हैं, जैसे:
- बीन्स और दालें
- पत्तागोभी, ब्रोकली, फूलगोभी
- प्याज और लहसुन
- डेयरी उत्पाद (लैक्टोज असहिष्णुता होने पर)
- कृत्रिम मिठास वाले खाद्य पदार्थ
- तले हुए और मसालेदार भोजन
- फाइबर धीरे-धीरे बढ़ाएं: अगर आप अपने आहार में फाइबर बढ़ा रहे हैं, तो इसे धीरे-धीरे करें, क्योंकि अचानक ज्यादा फाइबर लेने से भी गैस बन सकती है।
अन्य सुझाव:

- धूम्रपान छोड़ दें: धूम्रपान करने से पेट में हवा जाती है।
- च्युइंग गम से बचें: च्युइंग गम चबाने से भी पेट में हवा जाती है।
- स्ट्रॉ से न पिएं: स्ट्रॉ से पीने पर ज्यादा हवा पेट में जा सकती है।
- नियमित व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधि पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
- प्रोबायोटिक्स: दही और छाछ जैसे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे पाचन सुधरता है।
यदि आपकी गैस की समस्या बनी रहती है या गंभीर है, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का लक्षण भी हो सकता है।