भारत में पंचायती राज प्रणाली की स्थापना में योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्ति और घटनाएँ

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भारत में पंचायती राज प्रणाली की स्थापना में योगदान देने वाले प्रमुख व्यक्ति और घटनाएँ

भारत में पंचायती राज प्रणाली का विकास एक ऐतिहासिक प्रक्रिया रही है, जिसमें कई महान व्यक्तियों, समितियों और संवैधानिक परिवर्तनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस प्रणाली का उद्देश्य ग्राम स्तर पर स्व-शासन को स्थापित करना और ग्रामीण जनता को शासन में सक्रिय भागीदारी देना है। आइए जानते हैं किन-किन व्यक्तियों और घटनाओं ने इस प्रणाली की नींव रखी।


🌿 महात्मा गांधी और ग्राम स्वराज का सपना

महात्मा गांधी ने “ग्राम स्वराज” की संकल्पना दी थी। उनका मानना था कि भारत का असली विकास तभी संभव है जब गांव आत्मनिर्भर और स्वशासित होंगे। उन्होंने ग्राम पंचायतों को मजबूत करने की बात बार-बार कही और इस प्रणाली को भारत की आत्मा बताया।


📜 बलवंत राय मेहता समिति (1957)

1957 में गठित बलवंत राय मेहता समिति ने पहली बार औपचारिक रूप से पंचायती राज की अवधारणा को सामने रखा। इस समिति ने तीन स्तरीय पंचायती राज प्रणाली — ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद — की सिफारिश की थी। इसके सुझावों के आधार पर 1959 में पहली बार राजस्थान के नागौर जिले में पंचायती राज प्रणाली की शुरुआत की गई।


📘 अशोक मेहता समिति (1977)

1977 में बनी अशोक मेहता समिति ने पंचायतों को और अधिक अधिकार और वित्तीय संसाधन देने की सिफारिश की। इसने सुझाव दिया कि पंचायतों को निम्न स्तर का प्रशासनिक ढांचा न मानकर स्वायत्त प्रशासनिक इकाई माना जाना चाहिए।


📜 73वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1992

यह अधिनियम भारत में पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। इसके माध्यम से:

  • ग्राम, ब्लॉक और जिला स्तर पर तीन स्तरीय पंचायतें अनिवार्य की गईं।
  • महिलाओं, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया गया।
  • पंचायती चुनाव हर 5 साल में कराना अनिवार्य किया गया।

👨‍💼 राजीव गांधी का योगदान

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पंचायती राज को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए। उन्होंने संसद में 73वें संशोधन का प्रस्ताव रखा, जिससे पंचायतों को स्वतंत्र और सशक्त बनाया जा सके। उनकी पहल से ही यह व्यवस्था संविधान का हिस्सा बन सकी।


🔚 निष्कर्ष

भारत में पंचायती राज प्रणाली सिर्फ एक प्रशासनिक व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र की जड़ें गांव-गांव तक फैलाने का माध्यम है। महात्मा गांधी के सपनों से लेकर 73वें संशोधन तक, इस प्रणाली को लागू करने में कई महान व्यक्तियों और घटनाओं की अहम भूमिका रही है।

👉 यदि आप भारत के ग्रामीण विकास और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में रुचि रखते हैं, तो पंचायती राज का इतिहास और योगदान जरूर जानना चाहिए।


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