
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पूरी खबर:
पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला, 28 की मौत:
22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर के पहलगाम के पास बैसरन में, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से भी जाना जाता है, आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया। इस हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इस हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं।
हमले की जिम्मेदारी:
पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले होटल और पर्यटक स्थलों सहित पूरे इलाके की रेकी की थी। इस हमले को TRF और लश्कर के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) की मदद से अंजाम दिया गया।
हमले का विवरण:
जानकारी के अनुसार, आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें लगभग 50 राउंड गोलियां चलाई गईं।
प्रतिक्रिया:
इस हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को आम लोगों पर हुआ सबसे बड़ा हमला बताया है।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
कश्मीर में VIP दौरों के बीच आतंकी हमलों का इतिहास रहा है। अतीत में क्लिंटन से लेकर वेंस तक की यात्राओं के दौरान भी बड़े हमले हुए हैं।
यह घटना कश्मीर में पर्यटन और सुरक्षा के लिए एक बड़ा झटका है।

कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की खबर इस प्रकार है:
पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला, 28 की मौत, भारत ने पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाया
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के पास बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे, जिनमें कुछ विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा केproxy संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है।
मुख्य बातें:
- हमले का स्थान: पहलगाम के पास बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है।
- मृतक: 28 लोग, जिनमें अधिकांश पर्यटक शामिल हैं। मृतकों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश के पर्यटक और नेपाल तथा यूएई के नागरिक शामिल हैं। एक भारतीय नौसेना अधिकारी भी शहीद हुए हैं।
- घायल: 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
- जिम्मेदारी: ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ है।
- भारत की प्रतिक्रिया: भारत ने इस हमले पर कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर वापस लौट आए हैं और सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक बुलाई है। सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौते को रोकना, अटारी बॉर्डर से आवाजाही बंद करना, पाकिस्तानियों का वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द करना और उन्हें 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश देना, पाकिस्तान में भारतीय दूतावास बंद करना और भारत में पाकिस्तानी दूतावास बंद करके पाकिस्तानी राजनयिकों को 7 दिन में देश छोड़ने का आदेश देना शामिल है। इसके साथ ही, अगले आदेश तक किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारतीय वीजा नहीं दिया जाएगा।
- सुरक्षा बलों की कार्रवाई: भारतीय सुरक्षा बलों ने इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: इस हमले की देशभर में कड़ी निंदा हो रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया है।
यह हमला कश्मीर में पर्यटन के लिए एक बड़ा झटका है और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने का संकल्प लिया है।
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