परिचय:
संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में से लक्ष्य 5 (SDG Goal 5) का उद्देश्य है –
👉 “लैंगिक समानता हासिल करना और सभी महिलाओं व लड़कियों को सशक्त बनाना।”
यह लक्ष्य सुनिश्चित करता है कि 2030 तक विश्व की हर महिला और लड़की को बराबरी के अधिकार, सुरक्षा, और निर्णय लेने की स्वतंत्रता मिले, जिससे वे समाज, राजनीति और अर्थव्यवस्था में समान भागीदारी कर सकें।
भारत में लैंगिक समानता से जुड़े प्रमुख आँकड़े (2024):
संकेतक (Indicator) | आँकड़े (Data) |
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ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स (2024) में भारत की रैंक | 127वां स्थान (146 देशों में) |
महिला श्रम भागीदारी दर | 37% |
महिला साक्षरता दर | 70.3% |
संसद में महिला सांसदों की भागीदारी | लोकसभा – 15%, राज्यसभा – 12% |
बाल विवाह की दर (15–19 आयु वर्ग) | लगभग 23% |
महिला स्वामित्व वाले स्टार्टअप/व्यवसाय | लगभग 20% |
स्रोत: WEF Global Gender Gap Report 2024, MoWCD, NFHS-5
लक्ष्य 5 के मुख्य उद्देश्य (Target Highlights):
- सभी प्रकार के लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना।
- बाल विवाह, दहेज, और महिला हिंसा को रोकना।
- सभी महिलाओं को प्रजनन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन की सेवाएँ उपलब्ध कराना।
- घरेलू और अवैतनिक कार्यों में महिलाओं की मान्यता और भागीदारी सुनिश्चित करना।
- राजनीतिक, आर्थिक और सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना।
भारत में प्रमुख चुनौतियाँ:
- ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी
- कार्यस्थलों पर असमान वेतन और अवसर
- घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न की घटनाएं
- डिजिटल एक्सेस में लैंगिक अंतर
- महिलाओं की संपत्ति और जमीन पर स्वामित्व की कमी
भारत सरकार की प्रमुख पहलें (Schemes & Policies):
योजना / पहल | उद्देश्य |
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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ | बालिकाओं के जीवन, शिक्षा और सुरक्षा को बढ़ावा देना |
सखी वन स्टॉप सेंटर | हिंसा की शिकार महिलाओं को एकीकृत सहायता प्रदान करना |
महिला शक्ति केंद्र | ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना |
उज्ज्वला योजना | महिलाओं को स्वच्छ रसोई गैस मुहैया कराना |
जननी सुरक्षा योजना | गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाना |
50% पंचायत आरक्षण | स्थानीय नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना |
निष्कर्ष:
लैंगिक समानता सिर्फ एक सामाजिक मुद्दा नहीं, बल्कि विकास की नींव है। जब महिलाएं समान रूप से शिक्षित, सुरक्षित और आत्मनिर्भर होंगी, तभी देश अपने विकास लक्ष्यों को पूरा कर पाएगा।
SDG Goal 5 न केवल महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करता है, बल्कि यह एक समान, समावेशी और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में एक आवश्यक कदम है।
आपका योगदान कैसे हो सकता है?
- अपने घर व समाज में लैंगिक भेदभाव को नकारें।
- महिलाओं की शिक्षा और करियर में सहयोग करें।
- घरेलू कार्यों में समान भागीदारी निभाएं।
- डिजिटल साक्षरता और आत्मनिर्भरता के लिए महिलाओं को प्रेरित करें।