परिचय:
संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य (SDGs) में से लक्ष्य 4 (SDG 4) शिक्षा से संबंधित है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 2030 तक सभी को गुणवत्तापूर्ण, समान और समावेशी शिक्षा प्राप्त हो और उन्हें जीवन भर सीखने के अवसर मिलें। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास का माध्यम है बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में भी एक प्रभावी उपकरण है।
भारत में शिक्षा से संबंधित आंकड़े (2023-24):
संकेतक (Indicator) | आँकड़े (Data) |
---|---|
साक्षरता दर (Literacy Rate) | 77.7% |
प्राथमिक शिक्षा नामांकन दर (Gross Enrollment Ratio – Primary) | 104.1% |
माध्यमिक शिक्षा नामांकन दर (Secondary GER) | 79.6% |
उच्च शिक्षा नामांकन दर (Higher Education GER) | 28.4% |
स्कूल ड्रॉपआउट दर (कक्षा 1-8) | 1.5% |
डिजिटल शिक्षा एक्सेस (ग्रामीण) | केवल 27% |
(स्रोत: UDISE+ 2023-24, AISHE Report, Ministry of Education)
“शिक्षा केवल ज्ञान नहीं, यह भविष्य गढ़ने की चाबी है – समावेशी, समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ही सच्चे विकास का आधार है।”
SDG 4 के प्रमुख उद्देश्य:
- 2030 तक सभी बच्चों को मुफ्त, समान और गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा देना।
- पूर्व-प्राथमिक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना।
- तकनीकी, व्यावसायिक और उच्च शिक्षा को सुलभ और किफायती बनाना।
- लैंगिक असमानता और विकलांगता संबंधी बाधाओं को खत्म करना।
- साक्षरता और गणना क्षमताओं को सभी युवाओं और व्यस्कों तक पहुँचाना।
- टिकाऊ विकास, मानवाधिकार, लैंगिक समानता और शांति के लिए शिक्षा को प्रोत्साहित करना।
भारत में SDG 4 को प्राप्त करने की चुनौतियाँ:
- डिजिटल डिवाइड (शहरी और ग्रामीण के बीच)
- स्कूली इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी
- शिक्षक की गुणवत्ता और संख्या में कमी
- लड़कियों और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए सीमित अवसर
- कोविड-19 के कारण शिक्षा में हुई भारी बाधा
सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम:
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) का कार्यान्वयन
- समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत विद्यालयों का एकीकरण और सुदृढ़ीकरण
- PM eVIDYA, SWAYAM, DIKSHA जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म
- बालिका शिक्षा अभियान, जैसे – ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’
- राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा मिशन (NDEAR) की शुरुआत
निष्कर्ष:
SDG 4 केवल शिक्षा नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने की नींव है। यदि हम इस लक्ष्य को समय पर हासिल कर लेते हैं, तो गरीबी, बेरोजगारी, असमानता और अन्य समस्याओं को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। इसके लिए सरकार, समाज और प्रत्येक नागरिक को मिलकर प्रयास करने होंगे।