S-400 मिसाइल प्रणाली: भारत की वायु रक्षा की अभेद्य ढाल

Spread the love

S-400 मिसाइल प्रणाली रूस द्वारा विकसित की गई एक अत्याधुनिक सतह-से-हवा में मार करने वाली (SAM) प्रणाली है। इसे दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणालियों में गिना जाता है। भारत ने इस प्रणाली को अपनी वायु सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से खरीदा है।


🔹 S-400 मिसाइल प्रणाली की मुख्य विशेषताएं

  • रेंज:
    • अति-लंबी दूरी: 400 किमी (40N6E मिसाइल)
    • लंबी दूरी: 250 किमी
    • मध्यम दूरी: 120 किमी
    • कम दूरी: 40 किमी
  • लक्ष्य ऊंचाई: 30 किलोमीटर तक के लक्ष्य
  • लक्ष्य की गति: मैक 14 (लगभग 17,000 किमी/घंटा)
  • ट्रैकिंग क्षमता: एक साथ 36 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है
  • हमले की क्षमता: एक समय में 72 से 160 लक्ष्यों पर हमला

🔹 शक्तिशाली रडार प्रणाली

S-400 प्रणाली में एक शक्तिशाली रडार होता है जो:

  • 600 किमी दूर तक लक्ष्य खोज सकता है
  • एक साथ 300 लक्ष्यों को पहचान सकता है
  • स्टील्थ विमान, ड्रोन, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक कर सकता है

🔹 तैनाती और लचीलापन

  • यह एक मोबाइल प्रणाली है जिसे ट्रकों पर तैनात किया जाता है
  • 5 से 10 मिनट में किसी भी जगह पर तैयार की जा सकती है
  • -50°C से +70°C तापमान में काम कर सकती है
  • वर्टिकल लॉन्च से किसी भी दिशा में मिसाइल छोड़ी जा सकती है

🔹 S-400 कैसे काम करता है?

s-400 missiles
  1. रडार द्वारा लक्ष्य की खोज
  2. IFF सिस्टम से पहचान (मित्र या शत्रु)
  3. रडार द्वारा मिसाइल गाइडेंस
  4. हवा में ही लक्ष्य का विनाश

🔹 भारत और S-400 मिसाइल प्रणाली

  • भारत ने 2018 में रूस से 5 स्क्वाड्रन के लिए $5.43 बिलियन का समझौता किया
  • 2021 से डिलीवरी शुरू, 2026 तक पूरी आपूर्ति का लक्ष्य
  • भारतीय वायुसेना इसे “सुदर्शन चक्र” के नाम से भी जानती है
  • यह प्रणाली पाकिस्तान और चीन से सटी सीमाओं पर तैनात की गई है
  • पाकिस्तान के हवाई हमले रोकने में सफल उपयोग किया गया है

🔚 निष्कर्ष

S-400 मिसाइल प्रणाली भारत की वायु रक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है। इसकी उन्नत तकनीक, लंबी दूरी की मारक क्षमता और तीव्र प्रतिक्रिया इसे भारत की सुरक्षा के लिए एक शक्तिशाली हथियार बनाते हैं। यह भविष्य के खतरों से निपटने के लिए एक निर्णायक कदम है।


Spread the love

Leave a Comment

Exit mobile version