✍️ भूमिका:
जैन धर्म भारतीय उपमहाद्वीप के प्राचीनतम धर्मों में से एक है। यह धर्म कर्म, अहिंसा (अहिंसा परम धर्म), तपस्या और आत्मसंयम पर आधारित है। BPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में जैन धर्म से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं, इसलिए इसका गहन अध्ययन अत्यंत आवश्यक है।
📜 जैन धर्म का उद्भव:
- जैन धर्म की उत्पत्ति वैदिक धर्म के समानांतर मानी जाती है।
- यह श्रमण परंपरा से जुड़ा हुआ है, जो तपस्या और आत्मसंयम पर बल देती है।
- जैन मान्यताओं के अनुसार, यह धर्म अनादि और अनंत है, अर्थात इसकी कोई शुरुआत या अंत नहीं है।
🙏 तीर्थंकर कौन होते हैं?
- जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हुए हैं।
- तीर्थंकर वे महान आत्माएं होती हैं जो ज्ञान प्राप्त कर संसार से मोक्ष का मार्ग दिखाती हैं।
- पहले तीर्थंकर: ऋषभदेव (आदिनाथ)
- अंतिम तीर्थंकर: महावीर स्वामी (24वें)
🧘 महावीर स्वामी (599 ई.पू. – 527 ई.पू.):
- जन्म: कुंडग्राम (वर्तमान बिहार के वैशाली जिले में)
- पिता: सिद्धार्थ | माता: त्रिशला
- वंश: इक्ष्वाकु वंश
- विवाह: यशोदा से हुआ था और एक पुत्री प्रियदर्शिनी थी।
- 30 वर्ष की आयु में गृह त्याग कर साधु जीवन अपनाया।
- 12 वर्षों की कठोर तपस्या के बाद कैवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ।
- उन्होंने अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों का प्रचार किया।
- 72 वर्ष की आयु में पावापुरी (बिहार) में निर्वाण प्राप्त हुआ।
📖 जैन धर्म के मुख्य सिद्धांत:
- अहिंसा – किसी भी प्राणी को मन, वचन और कर्म से कष्ट न पहुँचाना।
- सत्य – सच्चाई बोलना और असत्य से बचना।
- अस्तेय – बिना अनुमति किसी वस्तु को न लेना।
- ब्रह्मचर्य – इंद्रियों का संयम।
- अपरिग्रह – धन और भौतिक वस्तुओं का त्याग।
🧠 त्रिरत्न (तीन रत्न):
- सम्यक दर्शन – सही दृष्टिकोण
- सम्यक ज्ञान – सही ज्ञान
- सम्यक चरित्र – सही आचरण
🔍 जैन धर्म के संप्रदाय:
- दिगंबर संप्रदाय:
- “दिगंबर” का अर्थ है – दिशा ही वस्त्र हैं।
- ये पूर्ण निर्वस्त्र होते हैं और स्त्रियों को मोक्ष प्राप्ति से वंचित मानते हैं।
- आचार्य भद्रबाहु इस संप्रदाय के प्रमुख माने जाते हैं।
- श्वेतांबर संप्रदाय:
- सफेद वस्त्र पहनते हैं।
- स्त्रियों को भी मोक्ष के योग्य मानते हैं।
- आचार्य स्थूलभद्र प्रमुख संत माने जाते हैं।
🛕 जैन साहित्य:
- अगम ग्रंथ – श्वेतांबर परंपरा में मूल ग्रंथ।
- प्रतिष्ठित ग्रंथ – तत्त्वार्थ सूत्र (आचार्य उमास्वाति द्वारा रचित) जिसे दोनों संप्रदाय मानते हैं।
🌍 जैन धर्म का प्रभाव:
- अहिंसा का सिद्धांत भारत की संस्कृति में गहराई से समाहित हुआ।
- महात्मा गांधी ने जैन दर्शन से प्रेरणा लेकर सत्य और अहिंसा को अपने आंदोलन की नींव बनाया।
- वास्तुकला में जैन मंदिर, जैसे – शंखेश्वर, पालिताना, और श्रवणबेलगोला प्रसिद्ध हैं।
📌 BPSC परीक्षा के लिए संभावित प्रश्न:
- महावीर स्वामी का जन्म स्थल कौन-सा था?
- जैन धर्म के त्रिरत्न क्या हैं?
- दिगंबर और श्वेतांबर में मुख्य अंतर क्या है?
- अंतिम तीर्थंकर कौन थे?
- महावीर स्वामी को ज्ञान की प्राप्ति कहाँ हुई थी?
📝 निष्कर्ष:
जैन धर्म एक आत्मअनुशासन, संयम और सत्य पर आधारित धर्म है जिसने भारतीय संस्कृति और समाज को गहराई से प्रभावित किया है। BPSC परीक्षा में इससे जुड़े तथ्यों का गहन अध्ययन आपको परीक्षा में सफलता दिलाने में सहायक होगा।
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