जहाँगीर: बीपीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन l

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👑 परिचय

जहाँगीर मुगल साम्राज्य का चौथा सम्राट था, जो अकबर के बाद गद्दी पर बैठा। उसका शासनकाल न्याय, कला और संस्कृति के लिए जाना जाता है। उसने “न्याय की ज़ंजीर” जैसी कई अद्भुत परंपराएं शुरू कीं। बीपीएससी की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए जहाँगीर से संबंधित प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं।


📜 जीवन परिचय

  • पूरा नाम: नूर-उद-दीन मुहम्मद सलीम
  • उपनाम: जहाँगीर (जिसका अर्थ है – ‘दुनिया का विजेता’)
  • जन्म: 30 अगस्त 1569, फतेहपुर सीकरी
  • पिता: अकबर
  • राजगद्दी संभालना: 1605 ई.
  • मृत्यु: 28 अक्टूबर 1627, कश्मीर

🏰 प्रशासन और न्याय व्यवस्था

  • जहाँगीर को न्यायप्रिय शासक माना जाता है
  • उसने अपने महल के सामने “न्याय की जंजीर” लटकवाई थी, जिससे कोई भी व्यक्ति न्याय की गुहार लगा सकता था
  • अकबर की शासन प्रणाली को ही आगे बढ़ाया और उसे और अधिक संगठित किया

💼 प्रशासनिक विशेषताएँ

  • पिता अकबर की मनसबदारी प्रणाली को बरकरार रखा
  • अबुल फज़ल की विचारधारा के विपरीत, वह धार्मिक रूप से अधिक रूढ़िवादी था
  • महलों और कलात्मक गतिविधियों का बड़ा संरक्षक था

🎨 कला और संस्कृति

  • चित्रकला को विशेष संरक्षण मिला
  • जहाँगीर के दरबार में यथार्थवादी चित्रकला का उत्कर्ष हुआ
  • यूरोपीय कलाकारों और शैली से भी प्रभावित

💑 नूरजहाँ का प्रभाव

  • 1611 में जहाँगीर ने मेहरुनिस्सा (नूरजहाँ) से विवाह किया
  • नूरजहाँ ने शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे “नूरजहाँ जुंटा” कहा गया
  • नूरजहाँ की मुहर से शाही आदेश जारी होते थे

📚 आत्मकथा – तुज़ुक-ए-जहाँगीरी

  • जहाँगीर ने अपनी आत्मकथा फारसी में लिखी
  • इसमें उसके प्रशासन, न्याय, दर्शन और जीवन से जुड़े कई पहलुओं का वर्णन है
  • यह मुगल इतिहास का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है

⚔️ प्रमुख विद्रोह और घटनाएँ

  1. प्रिंस खुर्रम का विद्रोह (बाद में शाहजहाँ बना)
  2. सिखों के साथ संघर्ष – गुरु अर्जुन देव को फांसी (1606) दी गई
  3. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को व्यापार की अनुमति (1615)
    • सर थॉमस रो का आगमन
    • पहली बार अंग्रेजों को भारत में व्यापार करने की अनुमति मिली

⚰️ मृत्यु और उत्तराधिकारी

  • मृत्यु: 1627 में कश्मीर यात्रा के दौरान
  • उत्तराधिकारी: शाहजहाँ (प्रिंस खुर्रम)
  • मकबरा: शाहदरा (लाहौर, पाकिस्तान)

📌 बीपीएससी प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण तथ्य

विषयविवरण
ताज नामनूर-उद-दीन मुहम्मद सलीम
आत्मकथातुज़ुक-ए-जहाँगीरी
पत्नीनूरजहाँ
न्याय की प्रतीक परंपरान्याय की ज़ंजीर
गुरु अर्जुन देव की मृत्यु1606 ई.
अंग्रेजों को व्यापार अनुमतिसर थॉमस रो, 1615
चित्रकला शैलीयथार्थवादी शैली का उत्कर्ष
मृत्यु स्थानकश्मीर

✍️ निष्कर्ष

जहाँगीर एक न्यायप्रिय, कलाप्रेमी और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध सम्राट था। भले ही उसका शासन काल उतना सैन्य विस्तार से नहीं जुड़ा, लेकिन प्रशासनिक, सांस्कृतिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण था। बीपीएससी की दृष्टि से तुज़ुक-ए-जहाँगीरी, नूरजहाँ, सर थॉमस रो और चित्रकला शैली जैसे बिंदु अत्यंत उपयोगी हैं।


📄 यदि आप चाहें तो इसका PDF संस्करण भी प्राप्त कर सकते हैं। तो telegram से pdf download कर सकते है l


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