“यदि आपकी बुनियाद मजबूत है, तो ऊँची से ऊँची इमारत भी टिकाऊ बनेगी – यही बात UPSC में NCERT किताबों पर लागू होती है।”
UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) की सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इसकी तैयारी में लाखों छात्र लगते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जिनकी नींव ठोस होती है। इस नींव को मजबूत करने का सबसे भरोसेमंद माध्यम है — NCERT पुस्तकें।
ये किताबें न केवल प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) में पूछे जाने वाले तथ्यों के लिए अहम होती हैं, बल्कि मुख्य परीक्षा (Mains) में उत्तर लेखन की सोच और शैली भी इन्हीं से विकसित होती है।
NCERT क्यों है UPSC के लिए जरूरी?
✅ सरल, स्पष्ट और तथ्यात्मक भाषा – जिससे समझने में आसानी होती है।
✅ विश्वसनीय स्रोत – बिना किसी भ्रम या अतिशयोक्ति के सटीक जानकारी।
✅ विषयों की मूल अवधारणाओं की स्पष्टता – जो एनालिटिकल उत्तर लिखने में मदद करती है।
✅ Prelims + Mains दोनों के लिए उपयोगी – आधारभूत और गहन जानकारी दोनों शामिल।
✅ सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं – UPSC ने कई बार NCERT से शब्दशः प्रश्न पूछे हैं।
कौन-कौन सी NCERT किताबें पढ़नी चाहिए UPSC के लिए?
विषय
कक्षा (Class)
प्रमुख किताबें
इतिहास
6 से 12
“हमारे अतीत”, “भारत का इतिहास”, “आधुनिक भारत”
भूगोल
6 से 12
“पृथ्वी हमारा आवास”, “भारत: भौगोलिक विशेषताएँ”
राजनीति विज्ञान
9 से 12
“लोकतांत्रिक राजनीति”, “भारतीय संविधान”
अर्थशास्त्र
9 से 12
“भारतीय आर्थिक विकास”, “समसामयिक अर्थव्यवस्था”
सामाजिक विज्ञान/समाजशास्त्र
6 से 12
“भारत और समकालीन विश्व”, “सामाजिक परिवर्तन”
विज्ञान
6 से 10
“सामान्य विज्ञान” की समझ के लिए आवश्यक
नए छात्रों के लिए सुझाव:
6वीं से शुरुआत करें, धीरे-धीरे 12वीं तक जाएं।
हर अध्याय के बाद नोट्स और टॉपिक वाइज रिवीजन बनाएं।
NCERT बेस्ड MCQs प्रैक्टिस करें।
NCERT समरी बुक्स से रिवीजन करें (यदि समय कम हो)।
निष्कर्ष:
NCERT पुस्तकें न केवल UPSC की तैयारी की पहली सीढ़ी हैं, बल्कि पूरी यात्रा में मार्गदर्शक भी हैं। यदि आपने इन्हें ठीक से पढ़ लिया, तो यह आपकी बेसिक समझ और कॉन्सेप्ट क्लैरिटी को इतना मज़बूत बना देगा कि आप बाकी एडवांस बुक्स को भी आसानी से समझ सकेंगे।
“UPSC में सफल वही होते हैं जो शुरुआत सही जगह से करते हैं – और वह जगह है NCERT।”