चंद्रगुप्त मौर्य: बीपीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए एक विस्तृत अध्ययन
चंद्रगुप्त मौर्य भारतीय इतिहास के महानतम सम्राटों में गिने जाते हैं। उन्होंने न केवल एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की, बल्कि भारत को पहली बार राजनीतिक एकता के सूत्र में भी पिरोया। अगर आप बीपीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो चंद्रगुप्त मौर्य से संबंधित तथ्यों और विश्लेषणात्मक बिंदुओं को समझना अत्यंत आवश्यक है। यह लेख आपकी तैयारी को मजबूत बनाने में सहायक होगा।
📝 प्रारंभिक परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (BPSC Prelims)
🔸 वंश और स्थापना:
- मौर्य वंश के संस्थापक।
- 322 ईसा पूर्व में नंद वंश के अंतिम शासक धनानंद को पराजित कर मगध की गद्दी पर बैठे।
🔸 गुरु:
- चाणक्य (कौटिल्य/विष्णुगुप्त) उनके मार्गदर्शक और प्रधानमंत्री थे।
🔸 प्रमुख स्रोत:
- अर्थशास्त्र (कौटिल्य)
- इंडिका (मेगस्थनीज)
- मुद्राराक्षस (विशाखदत्त)
- जैन और बौद्ध साहित्य
🔸 विजय अभियान:
- सिकंदर के उत्तराधिकारियों को हराकर पंजाब और सिंध पर अधिकार।
- सेल्यूकस निकेटर से संधि (305 ई.पू.):
- हेलेना से विवाह
- पश्चिमी क्षेत्र (काबुल, बलूचिस्तान आदि) मौर्य साम्राज्य में शामिल
- 500 हाथियों की सौगात
- मेगस्थनीज को राजदूत बनाकर भेजा गया
🔸 दक्षिण भारत की विजय:
- तमिल और जैन ग्रंथों के अनुसार दक्षिण में भी प्रभाव।
🔸 प्रशासनिक व्यवस्था:
- विशाल सेना (6 लाख पैदल, 30,000 घुड़सवार, 9,000 हाथी)
- सेना का संचालन 30 अधिकारियों की 6 समितियों द्वारा
- न्यायिक और गुप्तचर व्यवस्था अत्यंत प्रभावशाली
🔸 राजधानी:
- पाटलिपुत्र (आज का पटना)
- खुदाई से मौर्यकालीन लकड़ी की इमारतों के प्रमाण
🔸 धर्म:
- जीवन के अंतिम चरण में जैन धर्म स्वीकार किया
- श्रवणबेलगोला (कर्नाटक) में संलेखना विधि से मृत्यु
🖊️ मुख्य परीक्षा के लिए विश्लेषणात्मक बिंदु (BPSC Mains)
1. चंद्रगुप्त मौर्य का उदय और साम्राज्य की स्थापना
- नंदों की अत्याचारी नीति और सिकंदर के आक्रमण से उत्पन्न अस्थिरता ने नई शक्ति के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
- चाणक्य की कूटनीति और चंद्रगुप्त की सैन्य प्रतिभा ने मिलकर मौर्य साम्राज्य की नींव रखी।
2. प्रशासनिक व्यवस्था
- सप्तांग सिद्धांत (राजा, अमात्य, जनपद, दुर्ग, कोष, सेना, मित्र)
- केन्द्रीय प्रशासन: मंत्रिपरिषद, दंड व्यवस्था, न्यायालय
- प्रांतीय और स्थानीय प्रशासन: कुमार और आर्यपुत्र द्वारा प्रांतों का संचालन
- नगर प्रशासन: 6 समितियों द्वारा पाटलिपुत्र का संचालन (मेगस्थनीज के अनुसार)
- राजस्व और न्याय प्रणाली: कृषि आधारित, 1/4 से 1/6 उपज कर, धर्मस्थीय और कंटकशोधन न्यायालय
3. सैन्य उपलब्धियाँ
- यूनानी क्षत्रपों को हराकर विदेशी शासन का अंत
- सेल्यूकस के साथ संधि से पश्चिमी सीमाओं का विस्तार
- दक्षिण भारत तक साम्राज्य का विस्तार
4. चंद्रगुप्त का मूल्यांकन
- महान विजेता: भारत को एकजुट कर राजनीतिक स्थायित्व प्रदान किया
- कुशल प्रशासक: सुव्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था
- धार्मिक सहिष्णुता: जैन धर्म अपनाने के बावजूद अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णु
- जन कल्याणकारी: ‘राजा का सुख प्रजा के सुख में’ जैसी नीति
🔚 निष्कर्ष
चंद्रगुप्त मौर्य ने न केवल भारत को राजनीतिक रूप से एकीकृत किया, बल्कि एक शक्तिशाली प्रशासनिक व्यवस्था भी स्थापित की। बीपीएससी परीक्षा की दृष्टि से यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें आपको दोनों प्रकार के प्रश्न—तथ्यात्मक (Prelims) और विश्लेषणात्मक (Mains)—पूछे जा सकते हैं।
👉 इसलिए, यदि आप बीपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो चंद्रगुप्त मौर्य के जीवन, कार्य, प्रशासन और उपलब्धियों का गहराई से अध्ययन अवश्य करें।
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