👑 परिचय
अकबर, मुगल साम्राज्य का तीसरा और सबसे शक्तिशाली सम्राट था। उसने भारत में एक सशक्त, संगठित और सहिष्णु शासन प्रणाली की नींव रखी। बीपीएससी प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों में अकबर से जुड़े प्रशासन, नीतियों, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक उपलब्धियों से संबंधित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं।
📜 जीवन परिचय
- पूरा नाम: जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर
- जन्म: 15 अक्टूबर 1542, अमरकोट (अब पाकिस्तान में)
- पिता: हुमायूँ
- राजगद्दी संभालना: 1556 ई. (13 वर्ष की आयु में)
- शासनकाल: 1556 से 1605 तक
- निधन: 27 अक्टूबर 1605, फतेहपुर सीकरी
⚔️ शासन की शुरुआत और प्रमुख युद्ध
- पानीपत का द्वितीय युद्ध (1556)
- बैरम खाँ के नेतृत्व में अकबर की सेना ने हेमू को हराया
- दिल्ली और आगरा पर पुनः मुगल अधिकार स्थापित हुआ
🛡️ प्रमुख युद्ध और विजय
- मालवा (1561), गुजरात (1572), बंगाल (1576), काबुल (1581), कश्मीर (1586), सिंध, ओड़िशा, राजपूताना (चित्तौड़ और रणथंभौर)
- राजपूत नीतियों के तहत कई राजपूत राजाओं से संधि और विवाह कर साम्राज्य को मजबूत किया
🏛️ प्रशासनिक सुधार
⚖️ मनसबदारी प्रथा
- सेना और प्रशासन में पदों की संख्या और वेतन का निर्धारण
📍 राजस्व व्यवस्था
- टोडरमल द्वारा विकसित दहसाला प्रणाली
- भूमि की माप और उत्पादकता के आधार पर कर निर्धारण
📘 इलाही पंचांग और नवरत्न
- अकबर ने दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की
- नवरत्न: बीरबल, टोडरमल, तानसेन, अबुल फजल, फैजी, राजा मानसिंह आदि
🕌 धार्मिक नीति और दीन-ए-इलाही
- सुलह-ए-कुल की नीति अपनाई – सभी धर्मों का सम्मान
- 1575 में इबादतखाना की स्थापना – विभिन्न धर्मों के विद्वानों के साथ चर्चा
- 1582 में दीन-ए-इलाही का प्रारंभ – एक समन्वयात्मक धर्म
🎭 कला, संस्कृति और स्थापत्य
- तानसेन जैसे संगीतज्ञ और अबुल फज़ल जैसे लेखक उनके दरबार में थे
- फतेहपुर सीकरी, आगरा किला, बुलंद दरवाजा, पंचमहल जैसी भव्य इमारतें
- चित्रकला, वास्तुकला और साहित्य का अद्भुत विकास
🧠 बुद्धिमान और व्यवहारिक शासक
- अकबर ने अनपढ़ होते हुए भी ज्ञानियों और विद्वानों को महत्व दिया
- नीति, प्रशासन, सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण
📌 बीपीएससी प्रीलिम्स के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- अकबर का राज्यारोहण – 1556 ई. में (13 वर्ष की आयु में)
- पानीपत की दूसरी लड़ाई – हेमू को हराया
- दीन-ए-इलाही – 1582 में प्रारंभ किया
- अकबर का दरबारी इतिहासकार – अबुल फज़ल (अकबरनामा, आइने अकबरी)
- अकबर के नवरत्नों में प्रमुख – बीरबल, टोडरमल, तानसेन, राजा मानसिंह
- फतेहपुर सीकरी की स्थापना – 1571 ई.
✍️ निष्कर्ष
अकबर का शासनकाल मुगल काल का स्वर्ण युग कहलाता है। उसने न केवल साम्राज्य को राजनीतिक रूप से मजबूत किया, बल्कि सामाजिक और धार्मिक स्तर पर भी समरसता और सहिष्णुता की नीति अपनाई। बीपीएससी परीक्षा की दृष्टि से अकबर के प्रशासन, धार्मिक नीति, नवरत्न, युद्ध और स्थापत्य से जुड़े बिंदु अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
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