प्रस्तावना:
बिहार के सीतामढ़ी जिले में स्थित पुनौराधाम, जहां माता सीता का जन्म हुआ था, अब एक भव्य धार्मिक स्थल के रूप में विकसित होने जा रहा है। अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तर्ज पर यहां माता जानकी मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट पर करीब 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे और इसे एक भव्य तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
विवरण | जानकारी |
---|---|
स्थान | पुनौराधाम, सीतामढ़ी, बिहार |
मंदिर का नाम | श्री जानकी जन्मभूमि मंदिर |
निर्माण लागत | ₹1000 करोड़ (अनुमानित) |
उपलब्ध भूमि | 17 एकड़ (बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के नियंत्रण में) |
अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता | 50 एकड़ |
डिज़ाइन कंसल्टेंट | मेसर्स डिजाइन एसोसिएट्स इनकॉरपोरेटेड, नोएडा |
न्यास समिति का गठन | अध्यक्ष – बिहार के मुख्य सचिव उपाध्यक्ष – विकास आयुक्त |
कुल समिति सदस्य | 9 सदस्यीय समिति |
विकास की रूपरेखा | अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की तर्ज पर |
परियोजना का उद्देश्य:
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना
- माता जानकी की जन्मस्थली को वैश्विक पहचान दिलाना
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना
- आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण(theadoptstudy.com)
मंदिर निर्माण की प्रगति:
- डिज़ाइन कंसल्टेंसी का चयन हो चुका है।
- ड्राफ्ट प्रेजेंटेशन की तैयारी पूरी, जल्द होगा मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण।
- न्यास समिति क्रियाशील हो चुकी है, जिससे कार्य में तेजी आएगी।
निष्कर्ष:
पुनौराधाम में माता जानकी मंदिर का निर्माण न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को भी एक नई ऊँचाई देगा। अयोध्या के राम मंदिर की भांति यह मंदिर भी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र बनेगा।
इस परियोजना से जुड़े अपडेट के लिए हमें फॉलो करें और शेयर करें यह पोस्ट ताकि अधिक से अधिक लोग जान सकें पुनौराधाम के इस ऐतिहासिक विकास के बारे में।